दुनिया की सबसे पवित्र और दुर्गम माने जाने वाली धार्मिक यात्रा श्री कैलाश मानसरोवर यात्रा सुदूर पश्चिमी तिब्बत में स्थित हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में संपन्न की जाती है I माना जाता है की कैलाश पर्वत उतना ही पुराना है जितनी पुरानी हमारी सृष्टि है I कई पवित्र ग्रंथो में तो कैलाश पर्वत को सृष्टि का केंद्र भी माना गया है। हिन्दू धर्म में मान्यता है की महादेव प्रभु शिव यही कैलाश पर्वत पर विराजमान है । जीवन में एक बार कैलाश यात्रा करने का सपना दुनिया भर में स्थित लाखो करोड़ों हिन्दू, जैन, बौद्ध धर्म के श्रद्धालु देखते है, परन्तु प्रत्येक वर्ष केवल कुछ हजार श्रद्धालु ही इस यात्रा को करने का भाग्य प्राप्त करते है I अनेकों श्रद्धालु समय के अभाव में अथवा सड़क मार्ग से लम्बी यात्रा करने में असमर्थ होने के कारण काठमांडू और ल्हासा से जाने वाले सड़क मार्ग से यात्रा करने में समर्थ नहीं होते, उन श्रद्धालुओं के लिए काठमांडू से शुरू होने वाली 11 दिन की कैलाश मानसरोवर हेलीकाप्टर यात्रा एक उत्तम विकल्प है I गत वर्षों में सड़क मार्ग में बाधाओं और कठिनाइयों के कारण हेलीकाप्टर से सिमिकोट और हिलसा के रास्ते जाने वाली कैलाश यात्रा श्रद्धालुओं में काफी लोकप्रिय हुई है। इस यात्रा की जानकारी यात्रिओं के लिए हमने नीचे दी है I श्रद्धालुओं को यात्रा सम्बंधित अधिक जानकारी देने और पंजीकरण सम्बंधित सहायता करने में हमारे कर्मचारी तत्पर है ।
हेलीकाप्टर और सड़क मार्ग से जाने वाली विश्वप्रसिद्ध पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा में आपका स्वागत है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के शुभाररम्भ के लिए आप आज काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे I हवाई अड्डे पर आपकी प्रतीक्षा कर रहे मैक्स हॉलीडेज के नेपाल कर्मी दल के सदस्य आपका विनम्रता से स्वागत कर आपको होटल ले जायेंगे। होटल में आज रात आपके लिए शाकाहारी भोजन और विश्राम की व्यवस्था की जाएगी।
सुबह यात्रा का आरम्भ भगवान् पशुपतिनाथ के दर्शनों से किया जायेगा I आज हमारे नेपाल कर्मीदल के सदस्य आपके मंदिरों के दर्शन की व्यवस्था करेंगे I पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर एवं प्रभु शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर आप जल नारायण ‘प्रभु विष्णु’ के दर्शन करेंगे I तत्पश्चात काठमांडू एयरपोर्ट से फ्लाइट ले कर जत्था नेपालगंज के लिए रवाना हो जायेगा I नेपालगंज एयरपोर्ट से होटल पहुंचने की व्यवस्था हमारे नेपालगंज के कर्मी दल द्वारा की जाएगी I दिन का कुछ समय आपकी निजी गतिविधियों एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारियों के लिए रहेगा I रात के भोजन से पूर्व हमारे अधिकारीगण होटल में यात्रा पर जा रहे सभी भक्तो के मिलने और आप सबको यात्रा सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी देने की व्यवस्था करेंगे I
सुबह जल्दी नाश्ता करके यात्रिओं का जत्था फ्लाइट द्वारा सिमिकोट के लिए रवाना होगा I सिमिकोट नेपाल की पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित एक छोटा और खूबसूरत पर्यटक स्थल है जो नेपालगंज से केवल फ्लाइट के माध्यम से जुड़ा हुआ है I यहाँ मौसम में परिवर्तन बहुत अकस्मात् होता है जिसके कारण नेपालगंज और सिमिकोट के बीच का हवाई मार्ग बाधित होता है I और यात्री कई बार कई कई दिनों तक फ्लाइट उड़ने का इंतज़ार करते है I इसके इलावा कैलाश यात्रा के दौरान अधिक यात्रियों के आने और फ्लाइट की सुविधाओं में कमी होने के कारण भी ऐसा होता है I इन समस्याओं के कारण भी इस यात्रा को दुर्गम माना जाता है और इनपर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है I सिमिकोट पहुंच कर रात का भोजन और विश्राम करने का उत्तम प्रबंध हमारे नेपाली कार्यदल के सदस्य करेंगे I
आवश्यक सुचना : जैसा कि सूचित किया गया है, हिल्सा-सिमिकोट-नेपालगंज हवाई यात्रा पूरी तरह से मौसम पर निर्भर है। इस यात्रा के दौरान उड़ानों में देरी, पुनर्निर्धारण (recheduling) या कैंसलेशन एक आम समस्या है। यदि, मौसम में खराबी, उड़ानों की देरी/कमी या पुनर्निर्धारण, या किसी अन्य कारण से आपको सिमिकोट अथवा हिल्सा अधिक समय के लिए रुकना पड़ता है, तो कृपया ध्यान दें कि हिल्सा और सिमिकोट में यात्रियों के लिए बेहद बुनियादी आवास और सीमित सुविधाएं उपलब्ध हैं, विशेष रूप से वृद्ध लोगों के साथ स्वास्थ्य समस्या काफी संभव है, इसलिए यह उचित है की ऐसी परिस्थिति में अपने विवेक से मॉक लें और समूह के साथ बने रहें ताकि आवश्यकता पड़ने पर सहायता जरूरतमंद यात्री तक पहुंच सके। वापसी पर हिल्सा/सिमिकोट/नेपालगंज में अतिरिक्त रात्रि प्रवास पैकेज में शामिल नहीं है और यदि ऐसी आवश्यकता होती है, तो अतिरिक्त होटल और भोजन के लिए अतिरिक्त खर्च यात्रियों द्वारा गाइड या होटल को देय होगा। किसी भी परिस्थिति में अतिरिक्त होटल बुकिंग, अतिरिक्त भोजन या किसी अन्य अतिरिक्त सेवाओं के लिए यात्री को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा जैसा कि सूचित किया गया है, हिल्सा-सिमिकोट-नेपालगंज हवाई क्षेत्र बहुत जटिल है और पूरी तरह से मौसम की अनुमति है। इस सेक्टर पर उड़ानों में देरी या पुनर्निर्धारण या रुकावट इस यात्रा की एक आम समस्या है। यदि, जलवायु परिस्थितियों, उड़ानों की कमी या पुनर्निर्धारण, या किसी अन्य कारण से आप हिल्सा में फंस जाते हैं, तो कृपया ध्यान दें कि हिल्सा में आगंतुकों के लिए बुनियादी आवास और सीमित सुविधाएं हैं, विशेष रूप से वृद्ध लोगों के साथ स्वास्थ्य समस्या काफी संभव है, इसलिए यह उचित है समूह के साथ बने रहें ताकि आवश्यकता पड़ने पर सहायता आप तक पहुंच सके। वापसी पर हिल्सा/सिमिकोट/नेपालगंज में अतिरिक्त रात्रि प्रवास पैकेज में शामिल नहीं है और यदि आवश्यकता होती है, तो अतिरिक्त प्रवास और भोजन, जो यात्रियों द्वारा सीधे नेपाली टीम को देय है। किसी भी अप्रयुक्त प्रवास, भोजन या किसी अन्य सेवा के लिए कोई धनवापसी या समायोजन लागू नहीं है। हम प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करते हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में अन्य सभी अतिरिक्त चिकित्सा खर्च और/या आपातकालीन निकासी शुल्क का भुगतान केवल तीर्थयात्री/यात्री द्वारा किया जाता है। यात्रा से लौटने पर नेपालगंज में कोई होटल आवास इस पैकेज में शामिल नहीं है और यदि आप मांग करते हैं तो शुल्क लिया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में कोई भी सर्विस जो उपभोग (use) नहीं की गई है उसके लिए कोई धनवापसी या समायोजन (एडजस्टमेंट) नहीं होगी। यात्रा पर हमारे गाइड प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएं प्रदान करते हैं लेकिन तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में अन्य सभी अतिरिक्त चिकित्सा खर्च और/या आपातकालीन निकासी शुल्क का भुगतान केवल यात्री द्वारा किया जायेगा। यात्रा से लौटने पर नेपालगंज में कोई होटल आवास इस पैकेज में शामिल नहीं है और यदि आप ऐसी मांग करते हैं तो होटल के लिए अतिरिक्त शुल्क गाइड / होटल द्वारा आपसे लिया जाएगा।
सुबह जल्दी उठकर अथवा गाइड द्वारा दिए गए समय पर हम सिमिकोट एयरपोर्ट पहुचेगे जहा से हेलीकाप्टर द्वारा यात्रियों को हिलसा ले जाने की व्यवस्था की जाएगी I हिलसा चीन सीमा (बॉर्डर) पर स्थित नेपाल का एक बहुत छोटा सा क़स्बा है जहा पर्यटन के लिए सुविधाओं का अत्यंत अभाव है I इसलिए हिलसा पहुंच कर सीमा पार करने की औपचारिकताओं को संपन्न कर हम चीन के शहर ताकलाकोट जाने की तैयारी करेंगे I यदि सभी कार्य समय से संपन्न हुए तो सीमा पार कर जत्था तकलाकोट पहुंचेगा जहाँ रात का भोजन और विश्राम करने की व्यवस्था हमारे कर्मी दल करेंगे I आज रात यहाँ यात्रीगण न केवल विश्राम करेंगे बल्कि खुद को ऊँचे पर्वतीय स्थल की जलवायु के अनुकूल ढालेंगे I
आवश्यक सुचना : क्यूंकि आप धीरे धीरे अधिक ऊंचाई वाले स्थान की तरफ यात्रा कर रहे हैं, इसलिए आपके स्वास्थ्य पर असहजता के कुछ परिणाम हो सकते हैं, इसलिए सभी यात्रियों को यह सलाह दी जाती है कि वे जितना संभव हो सके उतना तरल पदार्थों जैसे कि सूप, जूस, चाय, कॉफी इत्यादि का सेवन करते रहे, यह आपके शरीर में ऑक्सीजन कि मात्रा बनाये रखने में कुछ मदद करेगा। अधिक ऊंचाई वाले / उच्च वायुदाव वाई स्थानों पर यात्रा के समय अधिक पेय पदार्थों का सेवन आपको पुनर्जलीकरण के साथ-साथ श्वसन प्रणाली में सुधार करने में मदद करेगा ।
आज का दिन ताकलाकोट में वातावरण के अनुकूल खुद को ढालने के लिए रखा गया है I आप ताकलाकोट में टहल सकते है, वहां के बाजार में घूमने का आनंद के सकते है अथवा ट्रैकिंग का अभ्यास करके खुद को कैलाश पर्वत की ट्रैकिंग के लिए तैयार कर सकते है I यदि सभी यात्रियों का स्वस्थ्य सही रहा तो चीनी गाइड से सलाह करके पुरे जत्थे को सुबह ही अगले गंतव्य मानसरोवर ले जा सकते है I
सुबह का नाश्ता करके आज यात्री मानसरोवर झील के लिए प्रस्थान करेंगे I रास्ते में मानसरोवर पहुंचने से पूर्व कैलाश पर्वत की पहली झलक मिलेगी I मानसरोवर से पूर्व चेक-पोस्ट पर कुछ औपचारिकताओं का निर्वाह कर हम मानसरोवर झील के पास स्थित अतिथि गृह (गेस्टहॉउस) पहुंचेंगे I ताकलाकोट से मानसरोवर की इस यात्रा के दौरान कैलाश पर्वत के प्रथम दर्शन होते है, यात्रा के दौरान मानसरोवर पहुंचने से पहले आपकी बस राक्षस ताल नामक झील के समीप आ कर रूकती है जहा से कैलाश पर्वत और झील का मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है कुछ समय यहाँ बिताने के पश्चात जत्था मानसरोवर के लिए रवाना होगा I रात को विश्राम करने और भोजन करने की सब व्यवस्था हमारे कर्मीदल करेंगे I
रात के समय मानसरोवर झील के दर्शन : रात में यात्री चाँद की रोशनी में मानसरोवर झील की सुंदरता को देखने के लिए जा सकते हैं। हालाँकि रात में झील पर जाना पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन यह सलाह दी जाती है कि यात्री समूह में जाएं और यदि संभव हो तो किसी भी आवश्यक मदद के लिए एक नेपाली शेरपा को अपने साथ ले जाएँ। अपने आप को गर्म कपड़ों या कंबल से ठीक से ढकें क्योंकि रात के समय यहाँ बाहर का तापमान काफी ठंडा होगा। अपने साथ पीने का पानी, टॉर्च और सीटी ले जाना न भूलें।
सुबह पवित्र मानसरोवर झील में स्नान और पूजा पाठ कर यात्री दल अपने अगले गन्तव्य दारचेन के लिए प्रस्थान करेगा I दारचेन कैलाश पर्वत की परिक्रमा और कई अन्य पवित्र यात्राओं का आरम्भ स्थल है I दारचेन के रास्ते में हम मानसरोवर के दूसरी और राक्षस ताल के दर्शन करेंगे I मानसरोवर झील की पवित्रता के प्रतिकूल राक्षस ताल के जल में स्नान अपवित्र अथवा अशुभ माना जाता है I हमारा पैदल यात्रा का आरंभ स्थल यम द्वार है जहाँ परिक्रमा के लिए घोड़े, याक और पिट्ठू भी किराये पर मिलते हैं I जो यात्री परिक्रमा नहीं कर सकेंगे वह यम द्वार से लौट जायेंगे और बाकी दल के सदस्य अगले पड़ाव देरापुख के लिए अपनी यात्रा आरम्भ करेंगे I 12 किलोमीटर की यह यात्रा अधिक कठिन नहीं है और 4 से 5 घंटे में पूरी की जा सकती है I देरापुख कैलाश पर्वत के उत्तरी मुख के दर्शनों हेतु सबसे समीप स्थान है I यहां से कैलाश जी की छवि देखते ही बनती है I यात्री यहाँ गेस्टहॉउस में विश्राम करेंगे और अपनी इच्छानुसार दर्शनों का लाभ उठाएंगे I अधिक ठंडा मौसम होने के कारण हम जल्द ही अपने अपने बिस्तर में लौट जायेंगे I
आवश्यक सूचना : जो यात्री अपने निजी पसंद अथवा तबियत के कारण तय प्रोग्राम के अनुसार कैलाश पर्वत की परिक्रमा पर नहीं जाना चाहते वह ग्रुप के साथ यम द्वार तक जा सकते है जहा से कैलाश पर्वत के सुन्दर दर्शन होते है। यम द्वार से दर्शन करके वह यात्री दारचेन स्थित होटल में ठहर सकते है। ऐसी परिस्थिति में दारचेन में दो रातें रुकने के लिए होटल का अतिरिक्त खर्च यात्री द्वारा गाइड / होटल को देय होगा।
देरापुख से चरण स्पर्श ट्रैकिंग : चरण स्पर्श डिरापुक से 3 किलोमीटर की( एक तरफ) की पैदल दूरी पर है। भगवान शिव के चरणों को छूने के लिए इस छोटे (अति दुर्गम) ट्रेक पर जाने के लिए कोई भी टूर गाइड से परामर्श ले सकता है। यह ट्रेक पैकेज का हिस्सा नहीं है और मौसम की स्थिति, स्थानीय प्राधिकरण की अनुमति और गाइड की सलाह पर निर्भर करता है।
सुबह जल्दी उठ के स्वर्णिम कैलाश (गोल्डन कैलाश) के दर्शन करना न भूलें I सूर्य की प्रथम किरण के साथ रंग बदलते कैलाश पर्वत के दर्शन दुर्लभ है और सौभाग्य वालों को ही यह अवसर प्राप्त होता है I नाश्ते के पश्चात यात्रियों का जत्था कैलाश पर्वत की दूसरे दिन की परिक्रमा के लिए रवाना होगा I कैलाश मानसरोवर यात्रा का यह सबसे कठिन और लम्बा रास्ता है I 22 किलोमीटर की परिक्रमा के दौरान कैलाश परिक्रमा के सबसे ऊँचे स्थान ‘डोलमा-ला’ को पार करना अत्यंत दुर्गम माना गया है I पथरीले और ऊँचे-नीचे रास्तों से होते हुए यह रास्ता आपको ‘गौरी कुंड’ के दुर्लभ दर्शन कराता है I गौरी कुंड के दर्शनों के उपरान्त यात्री अपने आज के गंतव्य स्थल ‘जुथुलपुख’ के लिए रवाना हो जायेंगे जहाँ रात के भोजन और विश्राम की व्यवस्था की जाएगी I
सुबह जुथुलपुख से 06 किलोमीटर की पैदल सरल मार्ग से यात्रा करते हुए यात्री दल दारचेन वापिस पहुंचेगा। यह कैलाश परिक्रमा का अंतिम पड़ाव है I दारचेन से ब द्वारा 03 घंटे यात्रा करके हम तकलाकोट रुकेंगे।
सुबह का नाश्ता कर आज जल्दी ही यात्री दल चीन बॉर्डर की तरफ प्रस्थान करेगा। बॉर्डर कस्टम चेक के बाद नेपाल में प्रवेश कर यात्री चार्टर हेलीकाप्टर द्वारा सिमिकोट पहुचेगे जहाँ से फ्लाइट द्वारा उनको नेपालगंज के रास्ते काठमांडू पहुंचने की व्यवस्था की जाएगी। काठमांडू पहुंचने पर मैक्स हॉलीडेज का स्टाफ ग्रुप को एयरपोर्ट से होटल तक बस/जीप द्वारा पहुंचने की व्यवस्था करेगा। रात का भोजन और विश्राम काठमांडू में होगा।
आवश्यक सुचना : जैसा कि सूचित किया गया है, हिल्सा-सिमिकोट-नेपालगंज हवाई यात्रा पूरी तरह से मौसम पर निर्भर है। इस यात्रा के दौरान उड़ानों में देरी, पुनर्निर्धारण (recheduling) या कैंसलेशन संभव है।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा संपन्न कर नाश्ते के पश्चात् आज आप काठमांडू त्रिभुवन एयरपोर्ट से अपने अगले गंतव्य के लिए प्रस्थान करेंगे
राष्ट्रीयता | यात्रा खर्च | अन्य शुल्क |
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भारतीय | ₹255,000 | चीनी वीज़ा - पैकेज में शामिल तिब्बत परमिट - पैकेज में शामिल नेपाल वीज़ा - जरूरत नहीं है यात्रा बीमा - उम्र के अनुसार अतिरिक्त |
विदेशी (गैर भारतीय) नागरिक | US$ 4170 | चीनी वीज़ा - पैकेज में शामिल तिब्बत प्रवेश पत्र - पैकेज में शामिल नेपाल वीज़ा - लगभग US$ 45 अतिरिक्त यात्रा बीमा - उम्र के अनुसार अतिरिक्त |
USA/Canada पासपोर्ट धारक | US$ 4360 | चीनी वीज़ा - पैकेज में शामिल तिब्बत प्रवेश पत्र - पैकेज में शामिल नेपाल वीज़ा - लगभग US$ 45 अतिरिक्त यात्रा बीमा - उम्र के अनुसार अतिरिक्त |
यात्रा का महीना | आरंभ करने की तिथि | अंतिम तिथि | बुकिंग |
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मई'2025 | 07 मई* | 17 मई | संपर्क करें |
15 मई | 25 मई | संपर्क करें | |
21 मई | 31 मई | संपर्क करें | |
29 मई | 08 जून | संपर्क करें | |
जून'2025 | 05* जून | 15 जून | संपर्क करें |
11 जून | 21 जून | संपर्क करें | |
19 जून | 29 जून | संपर्क करें | |
25 जून | 05 जुलाई | संपर्क करें | |
जुलाई'2025 | 05 जुलाई* | 15 जुलाई | संपर्क करें |
24 जुलाई | 03 अगस्त | संपर्क करें | |
अगस्त'2025 | 03 अगस्त* | 13 अगस्त | संपर्क करें |
14 अगस्त | 24 अगस्त | संपर्क करें | |
27 अगस्त | 06 सितम्बर | संपर्क करें | |
सितम्बर'2025 | 02 सितम्बर* | 12 सितम्बर | संपर्क करें |
11 सितम्बर | 21 सितम्बर | संपर्क करें | |
17 सितम्बर* | 27 सितम्बर | संपर्क करें | |
24 सितम्बर | 07 अक्टूबर | संपर्क करें | |
अक्टूबर'2025 | 01 अक्टूबर* | 11 अक्टूबर | संपर्क करें |
09 अक्टूबर | 19 अक्टूबर | संपर्क करें |
कृपया ध्यान दीजिए : ऊपर (*) से अंकित तिथियों में पूर्णिमा के दिन मानसरोवर झील तक पहुंचने का प्रस्ताव है। पूर्णिमा के समय यहां पवित्र स्नान करना अधिक शुभ माना जाता है।
महत्वपूर्ण टिप्पणी: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर सभी भोजन शुद्ध शाकाहारी होंगे। उपरोक्त सभी सेवाएँ और सुविधाएँ उपलब्धता पर निर्भर हैं।
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