हिन्दू और जैन धर्म में सबसे पवित्र माने जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा एक और तो भगवान शिव का निवास स्थान माना गया है तो दूसरी तरफ कैलाश पर्वत पर स्थित अष्टपद पर्वत जैन धर्म का उद्गम स्थल भी है I ऐसी मान्यता है की कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने से मनुष्य को मुक्ति प्राप्त होती है I दुनिया भर से श्रद्धालु प्रति वर्ष भरपूर उत्साह और श्रद्धा के साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए आते है और प्रभु के दर्शनों का आनंद लेते हैI कैलाश जाने के लिए वैसे तो कई मार्ग है जिनमे से काठमांडू से हो कर जाने वाला सड़क मार्ग सबसे सरल और सस्ता माना गया है I काठमांडू (नेपाल) से चलकर केरुंग और सागा (चीन) के रास्ते मानसरोवर झील और कैलाश पर्वत जाने वाला ये रास्ता अधिकतर यात्री बस या जीप द्वारा पूरा करते है I बस अथवा जीप के रास्ते कैलाश पर्वत की तलहटी तक का सफर तय करने के पश्चात् यम द्वार से श्रद्धालु तीन दिन लम्बी और दुर्गम कैलाश पर्वत परिक्रमा संपन्न कर वापिस सागा और केरुंग के रास्ते काठमांडू वापिस आते है I इस प्रकार काठमांडू मार्ग द्वारा सड़क मार्ग से यात्रा संपन्न की जाती है I
काठमांडू नेपाल मार्ग से सड़क मार्ग से होकर जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा के आरम्भ के लिए यात्री आज काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुचेगे, जहाँ मैक्स हॉलीडेज के कर्मीदल द्वारा उनको एयरपोर्ट से होटल तक ट्रांसफर के लिए कार/बस की सुविधा दी जाएगी। होटल आगमन पर यात्री अपने रूम में आराम करेंगे। आज रात का भोजन होटल में दिया जायेगा।
सुबह जल्दी उठ कर यात्री आज शिव भगवान् के विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर जायेंगे। आज हमारे नेपाल कर्मीदल के सदस्य आपके मंदिरों के दर्शन की व्यवस्था करेंगे। पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर एवं प्रभु शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर आप जल नारायण प्रभु विष्णु के दर्शन करेंगे। तत्पश्चात दिन का कुछ समय आपकी निजी गतिविधियों एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारियों के लिए रहेगा। रात के भोजन से पूर्व हमारे अधिकारी होटल में यात्रा पर जा रहे सभी भक्तो के मिलने और आप सबको यात्रा सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी देने की व्यवस्था करेंगे।
अतिरिक्त यात्रा : हिमालय की गोद में स्थित छोटा सा देश नेपाल, दुनिया के कई महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखलाओं का घर है। काठमांडू पहुंचने के उपरान्त यात्री सुबह एक स्पेशल फ्लाइट (Mountain Flight) के माध्यम से नेपाल की इन प्रसिद्द एवं सुन्दर पर्वत श्रृंखलाओं के ऊपर से उड़ान भरने का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। इस यात्रा के आयोजन के लिए हमारे कर्मीदल के सदस्य से संपर्क करें।
सुबह का नाश्ता कर आज यात्री काठमांडू से सड़क मार्ग द्वारा नेपाल बॉर्डर के जायेंगे। काठमांडू से बॉर्डर की दूरी 170 किलोमीटर है, परन्तु सड़क की ख़राब स्थिति होने के कारण इस दूरी को पार करने में अधिक समय लगता है। बॉर्डर के पास स्थित छोटे से शहर सयाब्रुबेसी अथवा धुंचे पहुंचने पर आज रात हम यहाँ किसी छोटे से गेस्टहॉउस में रुकेंगे। हमारे कर्मीदल के सदस्य यात्रियों के लिए विश्राम, अन्य आवश्यक सुविधाओं एवं भोजन का प्रबंध करेंगे।
सुबह का नाश्ता कर हम जल्दी ही नेपाल-चीन सीमा पर स्थित रसवागढ़ी के लिए रवाना होंगे। करीब 15 किलोमीटर का यह रास्ता एक घंटे में पार कर हम सीमा शुल्क एवं अन्य औपचारिकताओं को पूर्ण कर चीन स्थित शहर केरुंग के लिए रवाना होंगे। केरुंग हमारा आज की रात का गंतव्य स्थल है जहाँ यात्रीगण न केवल विश्राम करेंगे बल्कि खुद को ऊँचे पर्वतीय स्थल की जलवायु के अनुकूल ढालेंगे।
आवश्यक सुचना : क्यूंकि आप धीरे धीरे अधिक ऊंचाई वाले स्थान की तरफ यात्रा कर रहे हैं, इसलिए आपके स्वास्थ्य पर असहजता के कुछ परिणाम हो सकते हैं, इसलिए सभी यात्रियों को यह सलाह दी जाती है कि वे जितना संभव हो सके उतना तरल पदार्थों जैसे कि सूप, जूस, चाय, कॉफी इत्यादि का सेवन करते रहे, यह आपके शरीर में ऑक्सीजन कि मात्रा बनाये रखने में कुछ मदद करेगा। अधिक ऊंचाई वाले / उच्च वायुदाव वाई स्थानों पर यात्रा के समय अधिक पेय पदार्थों का सेवन आपको पुनर्जलीकरण के साथ-साथ श्वसन प्रणाली में सुधार करने में मदद करेगा ।
आज का दिन भी हम स्वयं को तिब्बत के ऊँचे पर्वतीय स्थल की जलवायु के अनुकूल ढालेंगे
आज का दिन केरुंग में वातावरण के अनुकूल खुद को ढालने के लिए रखा गया है, आप केरुंग में टहल सकते है, वह के बाजार में घूमने का आनंद के सकते है अथवा ट्रैकिंग का अभ्यास करके खुद को कैलाश पर्वत की ट्रैकिंग के लिए तैयार कर सकते है , यदि सभी यात्रियों का स्वस्थ्य सही रहा तो चीनी गाइड से सलाह करके पुरे जत्थे को सुबह ही अगले गंतव्य सागा या डोंगबा ले जा सकते है
सुबह का नाश्ता करके आज यात्री मानसरोवर झील के लिए प्रस्थान करेंगे , रास्ते में मानसरोवर पहुंचने से पूर्व कैलाश पर्वत की पहली झलक मिलेगी , मानसरोवर से पूर्व चेक पोस्ट पर कुछ औपचारिकताओं का निर्वाह कर हम मानसरोवर झील के पास स्थित अतिथि गृह (गेस्टहॉउस) पहुंचेंगे, रात को विश्राम करने और भोजन करने की सब व्यवस्था हमारे कर्मीदल करेंगे
रात के समय मानसरोवर झील के दर्शन : रात में यात्री चाँद की रोशनी में मानसरोवर झील की सुंदरता को देखने के लिए जा सकते हैं। हालाँकि रात में झील पर जाना पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन यह सलाह दी जाती है कि यात्री समूह में जाएं और यदि संभव हो तो किसी भी आवश्यक मदद के लिए एक नेपाली शेरपा को अपने साथ ले जाएँ। अपने आप को गर्म कपड़ों या कंबल से ठीक से ढकें क्योंकि रात के समय यहाँ बाहर का तापमान काफी ठंडा होगा। अपने साथ पीने का पानी, टॉर्च और सीटी ले जाना न भूलें।
मानसरोवर झील में पूजा अर्चना एवं स्नान के उपरान्त यात्रियों का जत्था कैलाश पर्वत की तलहटी में स्थित दारचेन शहर के लिए रवाना होगा , मानसरोवर झील की परिक्रमा करते हुए बस यात्रियों को राक्षस ताल नामक झील के समीप ले कर आती है जहा से झील और कैलाश पर्वत का मनमोहक दृश्य प्राप्त होता है , कुछ समय यहाँ बिताने के पश्चात जत्था दारचेन के लिए रवाना होगा, दारचेन के होटल में रात के विश्राम और भोजन की उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी
आज कैलाश पर्वत की परिक्रमा का पहला दिन है, सुबह बस यात्रियों को दारचेन से ७ किलोमीटर दूर स्थित यम द्वार (मोक्ष द्वार) ले जाएगी जो कैलाश पर्वत की परिक्रमा के लिए ट्रैकिंग शुरू करने का स्थान है याम द्वार से यात्री पैदल अथवा घोड़े से अपनी परिक्रमा शुरू करेंगे , १२ किलोमीटर की परिक्रमा ३-५ घंटे अथवा अधिक समय में संपन्न की जाती है , आज की ट्रैकिंग का गंतव्य स्थान धीरापुख है जो इस सम्पूर्ण यात्रा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण, सुन्दर और धार्मिक दृष्टि से पवित्र स्थल है , धीरपुख से कैलाश पर्वत उत्तर मुख के अत्यंत समीप दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है जो की अत्यंत सुखदायी एवं मोहक होता है , रात को सोने और भोजन की व्यवस्था गेस्टहॉउस में की जाएगी
आवश्यक सूचना : जो यात्री अपने निजी पसंद अथवा तबियत के कारण तय प्रोग्राम के अनुसार कैलाश पर्वत की परिक्रमा पर नहीं जाना चाहते वह ग्रुप के साथ यम द्वार तक जा सकते है जहा से कैलाश पर्वत के सुन्दर दर्शन होते है। यम द्वार से दर्शन करके वह यात्री दारचेन स्थित होटल में ठहर सकते है। ऐसी परिस्थिति में दारचेन में दो रातें रुकने के लिए होटल का अतिरिक्त खर्च यात्री द्वारा गाइड / होटल को देय होगा।
देरापुख से चरण स्पर्श ट्रैकिंग : चरण स्पर्श डिरापुक से 3 किलोमीटर की( एक तरफ) की पैदल दूरी पर है। भगवान शिव के चरणों को छूने के लिए इस छोटे (अति दुर्गम) ट्रेक पर जाने के लिए कोई भी टूर गाइड से परामर्श ले सकता है। यह ट्रेक पैकेज का हिस्सा नहीं है और मौसम की स्थिति, स्थानीय प्राधिकरण की अनुमति और गाइड की सलाह पर निर्भर करता है।
सुबह जल्दी उठ के स्वर्णिम कैलाश (गोल्डन कैलाश) के दर्शन करना न भूलें, सूर्य की प्रथम किराम के साथ रंग बदलते कैलाश पर्वत के दर्शन दुर्लभ है और सौभाग्य वालों को ही यह अवसर प्राप्त होता है, नाश्ते के पश्चात यात्रियों का जत्था कैलाश पर्वत की दूसरे दिन की परिक्रमा के लिए रवाना होगा , कैलाश मानसरोवर यात्रा का यह सबसे कठिन और लम्बा रास्ता है, 19 किलोमीटर की परिक्रमा के दौरान कैलाश परिक्रमा के सबसे ऊँचे स्थान डोलमा ला को पार करना अत्यंत दुर्गम माना गया है , पथरीले और ऊँचे नीचे रास्तों से होते हुए यह रास्ता आपको गौरी कुंड के दुर्लभ दर्शन करता है , गौरी कुंड के दर्शनों के उपरान्त यात्री अपने आज के गंतव्य स्थल जुथुलपुख के लिए रवाना हो जायेंगे जहाँ रात के भोजन और विश्राम की व्यवस्था की जाएगी
सुबह के नास्ते के पश्चात जत्था वापिस दारचेन पहुंचने के लिए ट्रैकिंग आरम्भ करेगा, 6 किलोमीटर की परिक्रमा के उपरांत यात्रीजन दारचेन पहुंचेंगे जहाँ से बस द्वारा सागा के लिए प्रस्थान करने की व्यवस्था होगी, रात का भोजन और विश्राम डोंगबा या सागा में की जाएगी.
नाश्ते के उपरान्त जत्था केरुंग के लिए रवाना हो जायेगा जहाँ रात को ठहरने और भोजन की व्यवस्था की जाएगी
नाश्ते के पश्चात जत्था चीनी सीमा को पार कर नेपाल पहुंचेगा जहा से नेपाल बस द्वारा काठमांडू की यात्रा संपन्न की जाएगी , रात का भोजन और विश्राम काठमांडू के होटल में होगा
कैलाश मानसरोवर की यात्रा संपन्न कर नाश्ते के पश्चात् आज आप काठमांडू त्रिभुवन एयरपोर्ट से अपने अगले गंतव्य के लिए प्रस्थान करेंगे
राष्ट्रीयता | यात्रा खर्च | अन्य शुल्क |
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भारतीय पासपोर्ट धारक | रु 210,000 +5%GST | चीनी वीज़ा - पैकेज की लागत में शामिल तिब्बत प्रवेश पत्र - पैकेज की लागत में शामिल नेपाल वीज़ा - जरूरत नहीं है यात्रा बीमा - उम्र के अनुसार अतिरिक्त |
गैर भारतीय एवं NRI | US$ 3275 | चीनी वीज़ा - पैकेज की लागत में शामिल तिब्बत प्रवेश पत्र - पैकेज की लागत में शामिल नेपाल वीज़ा - लगभग US$ 45 अतिरिक्त यात्रा बीमा - उम्र के अनुसार अतिरिक्त |
US & CANADIAN पासपोर्ट | US$ 3465 | चीनी वीज़ा - पैकेज की लागत में शामिल तिब्बत प्रवेश पत्र - पैकेज की लागत में शामिल नेपाल वीज़ा - लगभग US$ 45 अतिरिक्त यात्रा बीमा - उम्र के अनुसार अतिरिक्त |
यात्रा का महीना | आरंभ करने की तिथि | अंतिम तिथि | बुकिंग |
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अप्रैल'2025 | 24 अप्रैल | 07 मई | संपर्क करें |
मई'2025 | 06 मई* | 19 मई | संपर्क करें |
14 मई | 27 मई | संपर्क करें | |
21 मई | 03 जून | संपर्क करें | |
29 मई | 11 जून | संपर्क करें | |
जून'2025 | 04 जून* | 17 जून | संपर्क करें |
11 जून | 24 जून | संपर्क करें | |
18 जून | 01 जुलाई | संपर्क करें | |
25 जून | 08 जुलाई | संपर्क करें | |
जुलाई'2025 | 04 जुलाई* | 17 जुलाई | संपर्क करें |
16 जुलाई | 29 जुलाई | संपर्क करें | |
अगस्त'2025 | 02 अगस्त* | 15 अगस्त | संपर्क करें |
14 अगस्त | 27 अगस्त | संपर्क करें | |
20 अगस्त | 02 सितम्बर | संपर्क करें | |
सितम्बर'2025 | 01 सितम्बर* | 14 सितम्बर | संपर्क करें |
10 सितम्बर | 23 सितम्बर | संपर्क करें | |
18 सितम्बर | 01 अक्टूबर | संपर्क करें | |
24 सितम्बर | 07 अक्टूबर | संपर्क करें | |
30 सितम्बर | 13 अक्टूबर | संपर्क करें |
कृपया ध्यान दीजिए : ऊपर (*) से अंकित तिथियों में पूर्णिमा के दिन मानसरोवर झील तक पहुंचने का प्रस्ताव है। पूर्णिमा के समय यहां पवित्र स्नान करना अधिक शुभ माना जाता है।
महत्वपूर्ण टिप्पणी: कैलाश मानसरोवर यात्रा पर सभी भोजन शुद्ध शाकाहारी होंगे। उपरोक्त सभी सेवाएँ और सुविधाएँ उपलब्धता पर निर्भर हैं।
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