पश्चिमी तिब्बत की हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में कैलाश पर्वत के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में दारचेन से 70 किलोमीटर दूर सतलुज नदी के तट पर स्थित, तीर्थपुरी के बारे में हिन्दू और बौद्ध धर्म में मान्यता है , ऐसी मान्यता है की कैलाश पर्वत की परिक्रमा करने के पश्चात तीर्थपुरी के गर्म पानी वाले तालाब में नहाने से यात्रा का पूरा फल प्राप्त होता है और जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है I
हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार इसी स्थान पर राक्षस भस्मासुर राख में परिवर्तित हो गया था I भस्मासुर एक राक्षस था जिसने अपने कठोर तप से स्वयं भगवान् शिव को प्रसन्न कर लिया I भोलेनाथ जो भक्तो की बातों में सरलता से आ जाते हैं, ने अपनी मर्जी का वरदान मांगने का भस्मासुर राक्षस को आशीर्वाद दे दिया I भस्मासुर राक्षस ने शिव से अमर होने का वरदान माँगा लेकिन शिव ने यह कह कर वरदान नहीं दिया की यह विधि के विधान का उलंघन होगा I तब शिव ने भस्मासुर को कोई और वरदान मांगने को कहा I भस्मासुर ने वरदान माँगा की वो जिसके सर पे हाथ रख दे वो भस्म हो जाए I शिव भोलेनाथ ने उसको ऐसा वरदान दे दिया I शिव के वरदान का परिक्षण करने के लिए राक्षस भस्मासुर शिव के ही सर पर हाथ रखने के लिए शिव के पीछे भागा I शिव को तब अपनी गलती का एहसास हुआ और वो सृष्टि के रक्षक भगवान् विष्णु के पास मदद के लिए पहुंचे I तब भगवान् विष्णु ने मोहिनी सुंदरी का रूप लिया और भस्मासुर का रास्ता रोका I भस्मासुर मोहिनी के सुन्दर रूप के आगे मुग्ध हो गया और मोहिनी के साथ नृत्य करने लगा I नृत्य करते करते विष्णु ने भस्मासुर का हाथ उसके ही सर पर रखवा दिया फल स्वरूप भस्मासुर स्वयं जल कर राख बन गया I हिन्दू धर्म के ग्रंथो और की मान्यताओं के अनुसार तीर्थपुरी ही वह स्थान है I
तीर्थपुरी की परिक्रमा एक घंटे की है I इस परिक्रमा के दौरान यात्री यहाँ स्थित गर्म पानी के झरने में स्नान कर सकते हैं I यह सल्फर स्प्रिंग ही तीर्थपुरी परिक्रमा का आरम्भिक स्थान है I जैसे जैसे आप परिक्रमा में आगे बढ़ते हैं आप वहाँ पुराने कपडे और विचित्र चट्टानी पत्थर देखते हैं I थोड़ा और आगे जाने पर आप एक ऐसे स्थान पर पहुँचते है जो कैलाश परिक्रमा पे डोलमा-ला पास जैसा दिखता है लेकिन उससे बहुत छोटा है I यहाँ आपको मनी स्टोन और याक के सींग और खोपड़ियां दिखेंगी I इससे पहले मैदान में आपको कई जगह बौद्ध धर्म के प्रार्थना झंडे और स्तूप दिखाई देंगे I बौद्ध र्म के लोग तीर्थपुरी को अपने धर्मगुरु रिंपोचे का स्थान मानते हैं और यहाँ प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में तीर्थ के लिए आते हैं I
तिब्बत की सबसे पवित्र झील और विश्व की सबसे ऊंचाई पर स्थित मीठे पानी की झील मानी जाने वाली झील मानसरोवर, तिब्बत के सुदूर पश्चिमी हिस्से नगरी प्रांत में स्थित है। यह स्थान प्रसिद्ध माउंट कैलाश से ‘ज्यादा दूर नहीं’ माना जाता है।
विवरण देखेंपवित्र माउंट कैलाश की तलहटी में स्थित, मोक्ष द्वार (यम द्वार) कैलाश मानसरोवर यात्रा के सबसे प्रमुख स्थलों में से एक है। इसकी आध्यात्मिक महत्ता में लीन हो जाइए और शांति का अनुभव कीजिए!
विवरण देखेंपशुपतिनाथ एक हिन्दू मंदिर है जो देओपाटन नगर के केंद्र में स्थित है। यह मंदिर एक खुले प्रांगण के मध्य, बागमती नदी के तट पर बना हुआ है। यह गांव काठमांडू से लगभग 4 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है।
विवरण देखेंपशुपतिनाथ एक हिंदू मंदिर है जो देवपाटन नगर के केंद्र में स्थित है। यह एक खुले आंगन के बीच में बागमती नदी के किनारे बना हुआ है। यह गाँव काठमांडू से लगभग 4 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है।
विवरण देखेंसतलुज नदी के उत्तरी तट के पास स्थित तीर्थपुरी के गर्म जलस्रोत इस क्षेत्र के बंजर परिवेश को भाप से भर देते हैं। श्रद्धालु आमतौर पर कैलाश यात्रा के बाद तीर्थपुरी आते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि...
विवरण देखेंओम पर्वत एक जादुई और प्रेरणादायक हिमालयी पर्वत शिखर है, जिसकी ऊँचाई लगभग 6191 मीटर है। यह पर्वत उत्तराखंड के धारचूला ज़िले में स्थित है। ओम पर्वत को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे आदि कैलाश, छोटा कैलाश आदि। यह पर्वत अपने शिखर पर प्राकृतिक रूप से बने 'ॐ' चिन्ह के कारण...
विवरण देखेंराक्षसों की झील – राक्षस ताल पवित्र मानसरोवर झील के पश्चिम में, माउंट कैलाश के पास स्थित है। यह झील समुद्र तल से लगभग 4752 मीटर (15,591 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है। राक्षस ताल के उत्तर-पश्चिमी किनारे से ही सतलुज नदी का उद्गम होता है।
विवरण देखेंमुस्तांग जिले में थोरोंग ला पर्वतीय दर्रे के आधार पर स्थित, 3,610 मीटर (11,872 फीट) की ऊँचाई पर स्थित मुक्तिनाथ हिन्दू और बौद्ध दोनों के लिए अत्यंत पूजनीय पवित्र स्थल है।
विवरण देखेंसप्तऋषि गुफाएं माउंट कैलाश की इनर परिक्रमा (आंतरिक परिक्रमा) का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल मानी जाती हैं। साथ ही, ये गुफाएं कैलाश इनर कोरा के दौरान की जाने वाली सबसे कठिन यात्राओं में से एक मानी जाती हैं।
विवरण देखेंनंदी पर्वत को कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण शिखरों में से एक माना जाता है और यह अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है। नंदी पर्वत की यात्रा और ट्रेक केवल कैलाश की इनर कोरा यात्रा के दौरान ही संभव होती है।
विवरण देखेंतिब्बत एक अत्यंत रहस्यमय देश है, जिसमें कुछ ऐसे अद्भुत ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं जिन्हें देखकर यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि वे वास्तव में अस्तित्व में हैं। इन्हीं में से एक है गुगे साम्राज्य, जिसे तिब्बत के सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक माना जाता है।
विवरण देखेंपरम भक्तिपूर्ण यात्रा जो भगवान शिव के परम दिव्य धाम — माउंट कैलाश — तक पहुँचने के लिए की जाती है, वह सभी समयों की सबसे कठिन यात्राओं में से एक मानी जाती है। लेकिन इसके फल निस्संदेह अत्यंत शुभ और कल्याणकारी होते हैं।
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